गैस पीड़ित संगठनों के नेताओं ने राज्य और केंद्र सरकारों द्वारा 37 साल बाद भी पीड़ितों को इंसाफ और इज्जत की जिंदगी मुहैया ना करा पाने की कड़ी निंदा की

पत्रकार वार्ता
1 दिसंबर 2021

भोपाल में यूनियन कार्बाइड हादसे की 37वीं बरसी के अवसर पर आयोजित एक पत्रकार वार्ता में गैस पीड़ित संगठनों के नेताओं ने राज्य और केंद्र सरकारों द्वारा 37 साल बाद भी पीड़ितों को इंसाफ और इज्जत की जिंदगी मुहैया ना करा पाने की कड़ी निंदा की | संगठनों ने राज्य और केंद्र सरकार पर केंद्रित अपनी 37 दिवसीय मुहिम ’37 साल – 37सवाल’ पर भी जानकारी साझा की |

“हम चाहते है कि दुनिया को पता चले कि विश्व के सबसे भीषण औद्योगिक हादसे के 37 साल बाद भी भोपाल गैस पीड़ितों को न्याय से वंचित रखा गया है” भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की अध्यक्षा और गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार विजेता, रशीदा बी ने कहा | “हमें यह बताते हुए खेद हो रहा है कि किसी भोपाली को पर्याप्त मुआवजा नहीं मिला है और आज तक कोई भी अपराधी एक मिनट के लिए भी जेल नहीं गया है, इसका कारण यह है कि हमारी लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकारें और अमरीकी कंपनियों के बीच सांठगांठ आज भी जारी है”, उन्होंने बताया

“अस्पतालों में भीड़, संभावित हानिकारक दवाओं का बेहिसाब और अंधांधुंध इस्तेमाल और मरीजों की लाचारी वैसी ही बनी हुई है जैसी हादसे की सुबह थी | आज यूनियन कार्बाइड की गैसों के कारण फेफड़े, हृदय, गुर्दे, अंत:स्त्रावी तंत्र , तंत्रिका तंत्र और रोग प्रतिरोधक तंत्र की पुरानी बीमारियों के लिए इलाज की कोई प्रमाणिक विधि विकसित नहीं हो पाई है क्योंकि सरकार ने हादसे के स्वास्थ्य पर प्रभाव के सभी शोध बंद कर दिए हैं और यूनियन कार्बाइड कम्पनी ही है जिसके पास स्वास्थ्य संबंधी सारी जानकारी है और आज तक कम्पनी ने इस जानकारी को दबा कर रखा है”, कहती हैं भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा की शहजादी बी |

“मिट्टी और भूजल को प्रदूषित होने के कारण हुई पर्यावरणीय क्षति के लिए डाव केमिकल-अमरीका से मुआवजे का दावा करने के बजाए, मध्य प्रदेश सरकार दुनिया के सबसे ज्यादा जहरीले स्थल के ऊपर स्मारक बनाने के नाम पर कम्पनी को उसकी कानूनी जिम्मेदारियों से बचाने में मदद कर रही है | “, कहती हैं भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एन्ड एक्शन की रचना ढिंगरा

डाव-कार्बाइड के खिलाफ बच्चों की नौशीन खान ने कहा, “राज्य और केंद्र सरकारों ने हादसे के बाद पैदा हुए पीड़ितों की संतानों को निराश किया है | अंतराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चलता है कि हादसे के बाद गैस पीड़ितों को जन्मे बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ा है | अपने माता-पिता के गैस हादसे से प्रभावित होने के कारण दसियों हज़ार बच्चों को स्कूल छोड़ना पड़ा फिर भी सरकारों ने उनके लिए न तो मुआवजे की मांग की और न ही उन्हें रोजगार प्रदान करने के लिए कोई कदम ही उठाया है |

रशीदा बी

भोपाल गैस पीड़ित स्टेशनरी कर्मचारी संघ

9425688215

नवाब खाँ एवं शहजादी बी

भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा

7441193309

रचना ढिंगरा,

भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन,

9826167369

नौशीन खान

डावकार्बाइड के खिलाफ बच्चे

भोपाल गैस काण्ड : 37 साल – 37 सवाल

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