प्रेस विज्ञप्ति 5 जून 2015
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर यूनियन कार्बाइड के परित्यक्त कारखाने के आस पास के रहवासियों ने आज पिछले 19 सालों से दबे हज़ारों टन जहरीले कचरे को हटा नहीं पाने की सरकार की विफलता के खिलाफ प्रदर्शन 13 जो कैंसर और जन्मजात विकृतियां पैदा करते है और जो जिगर, फेफड़े और मस्तिष्क को नुक्सान पहुंचाते है ।
संगठनों ने बताया लखनऊ की इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च ने अक्टूबर 2012 की अपनी रिपोर्ट में यह बताया है की 22 बस्तियों का भूजल प्रदूषित है । उनके अनुसार हाल की जांचो में प्रदूषण 22 बस्तियों से आगे जा चुका है और इसका फैलना तब तक जारी रहेगा जब तक जहरीला कचरा गड़ा रहता है ।
“यूनियन कार्बाइड ने हमारे घरों के पास इस कचरे को गाड़ दिया है । क्यूँ भारत सरकार यूनियन कार्बाइड के वर्तमान मालिक डाव केमिकल को आज तक इस बात के लिए मजबूर नही कर पाई की वो अपनी कानूनी जिम्मेदारी स्वीकारे और यहां से जहरीला कचरा हटाए”, कहती है भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संध की अध्यक्षा रशीदा बी ।
भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशन भोगी संघर्ष मोर्चा के बालकृष्ण नामदेव ने हाल में पर्यावरण मंत्री द्वारा प्रदूषण की गहराई और फैलाव के वैज्ञानिक आकलन के संयुक्त राष्ट्र संध के प्रस्ताव को ठुकराने की तीव्र भर्त्सना की । उन्होंने कहा की इस तरह के आकलन के बगैर ज़हर सफाई का काम शुरू ही नहीं हो सकता
“जो रहवासियों ने 20 साल से ऊपर प्रदूषित भूजल पीते आ रहे है उनके परिवारों में जन्मजात विकृतियों के साथ सैकड़ों बच्चे पैदा हो रहे है । जब तक इस ज़हरीले कचरे को खोद कर उसे सुरक्षित तरीके से ठिकाने नहीं लगाया जाता तब तक ज़हरीला प्रदूषण पीढ़ियों को विकलांग करता रहेगा”, कहते है भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष नवाब खां ।
भोपाल ग्रुप फॉर इनफार्मेशन एंड एक्शन के सतीनाथ षडंगी ने बताया की डाव केमिकल द्वारा ज़हरीले कचरे को उठाने और ज़हर सफाई करने के सम्बन्ध में एक याचिका मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में पिछले 11 सालों से लंबित है । “सैकड़ों अजन्मे बच्चो के जीवन और भविष्य की बर्बादी से जुड़े इस मुद्दे पर न्यायाधीशों की धीमी चाल वाकई चौकाने वाली है”, उन्होंने कहा ।
भोपाल के इस दूसरे हादसे का सबसे दर्दनाक पहलू यह है की इसमे हर दिन नए लोग पीड़ित हो रहे है जबकि हमारे स्वास्थ्य और जीवन की रक्षा के लिए बनी सरकारी संस्थाए चुपचाप देख रही है है, कहती है ‘डाव- कार्बाइड के खिलाफ बच्चे’ की संस्थापिका साफरीन खां ।
रशीदा बीभोपाल गैस पीड़ित स्टेशनरी कर्मचारी संध9425688215 | बालकृष्ण नामदेवभोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा9826345423 | नवाब खांभोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा8718035409 | रचना ढींगरा, सतीनाथ षडंगीभोपाल ग्रुप फॉर इन्फार्मेशन एंड एक्शन9826167369 | साफरीन खांडाव-कार्बाइड के खिलाफ बच्चे |
अधिक जानकारी के लिए www.bhopal.net पर जाए
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