प्रेस विज्ञप्ति
1 अगस्त 2018
दिसम्बर 84 के हादसे के पीड़ितों के बीच काम कर रहे गैस पीड़ितों संगठनों के संयुक्त मोर्चा ने आज एक पत्रकार वार्ता मे गैस राहत विभाग बंद होने की आशंका पर कडा विरोध जताया और इस मामले में सरकार को अपना पक्ष साफ करने को कहा |
गैस राहत विभाग को बंद करना की अनुशंसा मध्य प्रदेश सरकार के अधीन अटल बिहारी वाजपेई इंस्टीट्यूट ऑफ गुड गवर्नेंस एंड पालिसी एनालिसिस द्वारा की गई है “इस रिपोर्ट में यह कहा गया है कि क्योंकि गैस राहत विभाग का वार्षिक बजट 100 करोड़ से कम है और विभाग मे पर्याप्त कार्य नही होने की वजह से इस को परिवार कलायाण एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ विलयन कर दिया जाए | गैस पीड़ितों के मुआवजे का मामला, जहरीले कचरे की सफाई, रोजगार, पेंशन और बाकी सभी कानूनी मुद्दों के लिए गैस पीड़ितों को न जाने कितने विभागों के चक्कर लगाने पड़ेंगे | विभाग को बंद करने की अनुशंसा पूरी तरह से अमानवीय है” कहती है भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की अध्यक्षा रशीदा बी
भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के अब्दुल जब्बार कहते है की “यह अनुशंसा अमानवीय ही नही बल्कि गैर कानूनी भी है | इलाज, मुआवजा, जहरीले कचरे की सफाई, साफ पानी की आपूर्ति और दोषियों को सज़ा के मामले सर्वोच्च न्यायालय, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय, और भोपाल की जिला अदालत मे लंबित है जिसमे गैस राहत विभाग पक्षकार है | इस अनुसानशा का पालन करना न्यायालयों की अवमानना होगी |”
“विभाग को बंद करने की अनुशंसा करने की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि ऐसा फैसला लेने से पहले सभी पक्षकारों से बात की गई | यह कितनी शर्म की बात है की जिन लोगो पर इस फैसले का सबसे ज्यादा असर पड़ेगा उन लोगो से बात करना भी उचित नही समझा गया | इस मूलभूत सिद्धान्त को दरकिनार कर की गई अनुशंसा न्यायसंगत और तर्कपूर्ण कैसे हो सकती है”, कहते है भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशन भोगी संघर्ष मोर्चा के बालक्रष्ण नामदेव
भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा के नवाब खाँ, कहते है कि, “तथाकथित फंड शार्टेज की वजह से पदाइशी विक्रतियों वाले अगली पीढ़ी के बच्चों के इलाज और पुनर्वास के लिए SPARC जैसे बंद किए गए कार्यक्रम चालू करना जरूरी है | भूजल प्रदूषण की निगरानी और समाधान तथा जमीन के नीचे दबे जहरीले कचरे को हटाने के लिए प्रयास होने चाहिए | सर्वोच्च न्यायालय मे लंबित सुधार याचिका में जल्द सुनवाई करनी चाहिए ताकि 34 सालो से लंबित मुआवजे के मुद्दे पर गैस पीड़ितों को कुछ हासिल हो सके | इतने गंभीर लंबित मुद्दों का हल आज तक नही हुआ और विभाग को बंद करना शासकीय ज़िम्मेदारी के प्रति अवेहलना है”
“इतना तो सबका समझ मे आता है कि विभाग बंद करने से फायदा सिर्फ यूनियन कार्बाइड और डाव केमिकल को होगा और नुकसान लाखों पीड़ितों को होगा | गैस राहत मंत्री तुरंत यह साफ करे कि उनकी सरकार यूनियन कार्बाइड के जहरों से पीड़ितों के साथ है या फिर अमरीकी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ”, कहती है डाव-कार्बाइड के खिलाफ बच्चों संगठन की साफ़रीन खां |
भोपाल ग्रुप फॉर इन्फार्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा कहती है कि “लाखों पीड़ितों आज भी गैसजनित पुरानी बीमारियों से लगातार ग्रस्त रहने, हज़ारों गैस पीड़ितों के अकाल मौतों का सिलसिला जारी है और पीड़ितों में बेरोजगारी और बदहाली के मद्देनजर भोपाल गैस त्रासदी राहत और पुनर्वास विभाग को बंद नाही बल्कि पुनर्जीवित करने की जरूरत है और यह भी सुनिश्चित करे कि यह विभाग मंत्रियो और अधिकारियों के लिए सिर्फ एक दुधारू गाय न रहकर गैस पीड़ितों को राहत पहुंचाए और पुनर्वास करे”
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अब्दुल जब्बार भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन
9406511720
रशीदा बी भोपाल गैस पीड़ित स्टेशनरी कर्मचारी संघ
9425688215
बालकृष्ण नामदेव भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा, 9826345423
नवाब खाँ भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा
9165347881
रचना ढींगरा, सतीनाथ षडंगी भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन, 9826167369
साफ़रीन खां डाव–कार्बाइड के खिलाफ बच्चे
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