सैकड़ों पीड़ितों की अमरीका, भारत व मध्य प्रदेश सरकारों से मांग – न्याय, इज्जत की जिन्दगी, कंपनियों को पनाह देना बंद

प्रेस विज्ञप्ति

3 दिसम्बर 2016

भोपाल में 3 दिसंबर 84 के विश्व के भीषणतम औद्योगिक हादसे के सैकड़ों पीड़ितों ने आज बीच शहर से बहुराष्ट्रीय अमरीकी कंपनी यूनियन कार्बाइड के कीटनाशक कारखाने तक रैली निकाली । प्रदर्शनकारियों ने बैनर लहराए, नारे लगाए और रैली के अंत में यूनियन कार्बाइड और उसके मालिक डाव केमिकल के लोगो के साथ साथ अमरीकी झंडे को फूँका ।

रैली को आयोजित करने वाले पीड़ितों के पांच संगठनों के नेताओ ने अमरीका, भारत और मध्य प्रदेश की सरकारों से मांग की 5 लाख पीड़ितों के लिए न्याय और इज्जत की जिंदगी सुनिश्चित करें और इन कंपनियों को पनाह देने और उनके साथ सांठगांठ करना बंद करे ।

“गैस काण्ड पर जारी आपराधिक प्रकरण में भोपाल जिला अदालत द्वारा डाव केमिकल के खिलाफ जारी नोटिसों की तामीली न कराकर अमरीकी सरकार पिछले 2 सालों से डाव केमिकल को पनाह दे रही है । हम यह मांग करते है की अमरीकी सरकार भारत के साथ 1991 की पारस्परिक कानूनी सहायता संधि का पालने करे,” कहती है गोल्डमैन पर्यावरण से नवाजी गई रशीदा बी जो भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की अध्यक्षा है ।

भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष बालकृष्ण नामदेव ने कहा, “पिछले 32 सालों से पीड़ितों को इन्साफ और पुनर्वास न मिलने की  प्रमुख वजह है इन अमरीकी कंपनियों के साथ भारत सरकार की साँठगाँठ “। “और साथ ही यह की आधे गैस पीड़ित मुसलमान हैं और हिन्दू पीड़ितों के 80 % से ज़्यादा निचली जातियों के हैं” वे जोड़ते हैं ।

”हमारे प्रधानमन्त्री डाव केमिकल के सी ई ओ एंड्रयू लिवेरिस को भोज पर बुलाकर उनके मेनू पर विशेष ध्यान देते है । लेकिन उन्हें सर्वोच्च न्यायालय में अतिरिक्त मुआवज़ा के लिए 6 साल से लंबित सुधार याचिका में आंकड़ों के सुधार पर विचार करने के लिए कोई समय नहीं मिला है” कहते है भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा के नवाब खां ।

प्रदेश सरकार पर जानबूझ कर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन के सतीनाथ षडंगी ने कहा “कीटनाशक कारखाने के अंदर और आस पास भूजल के प्रदूषण की बात मध्य प्रदेश सरकार को 1991 से मालूम थी । परंतु प्रदेश सरकार ने डाव केमिकल से ज़हर सफाई और परित्यक्त कारखाने के आस पास के रहवासियों के स्वास्थ्य को पहुँचे नुक्सान का मुआवजा वसूलने के लिए आज तक कोई कानूनी कदम नहीं उठाया है ।”

“भोपाल के मानव रचित हादसे के बाद के सालों में जारी हादसा भी मानव रचित है । यदि अमरीका, भारत और मध्य प्रदेश की सरकारें राष्ट्रीय, अंतराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार चले, अपने संविधाno का पालन करें और जनता को दिए गए वायदे पूरे करे तो यह हादसा आज खत्म हो सकता है”, कहती है पीड़ितों के अगली पीढी का संगठन डाव-कार्बाइड के खिलाफ बच्चे की साफ़रीन खां ।

रशीदा बी
भोपाल गैस पीड़ित स्टेशनरी
कर्मचारी संघ
9425688215
बालकृष्ण नामदेव
भोपाल गैस पीड़ित
निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा,
9826345423
नवाब खाँ
भोपाल गैस पीड़ित
महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा
9165347881
रचना ढींगरा, सतीनाथ षडंगी
भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन,
9826167369
साफरीन ख़ान
डाव-कार्बाइड के
खिलाफ बच्चे

अंग्रेजी में पढ़ें : Read in English

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