32 वीं बरसी – भोपाल गैस हादसे के पीड़ितों के पाँच संगठनों ने पत्रकार वार्ता को संबोधित किया

पत्रकार वार्ता

30 नवम्बर 2016

3 दिसंबर को विश्व के भीषणतम औद्योगिक हादसे की 32 वीं बरसी के उपलक्ष्य में भोपाल में यूनियन कार्बाइड गैस हादसे के पीड़ितों के पाँच संगठनों ने संयुक्त रूप से आज एक पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ये हादसा आज भी जारी है और हादसे के बाद पैदा हुई पीढ़ियाँ बहुराष्ट्रीय अमरीकी कंपनी के कीटनाशक कारख़ाने के जहरों से पीड़ित हो रही हैं। संगठनों ने कहा कि कंपनी के द्वारा परित्यक्त कारखाना आज भी इंसानों की जान ले रहा है और उन्हें अपंग कर रहा है। उनका कहना था कि कारख़ाने के चलने के 14 सालों में बने हज़ारों टन ज़हरीले कचरे को जमीन के नीचे दबा देने की वजह से उसके आस-पास का भूजल प्रदूषित हो रहा है।

भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की अध्यक्ष रशीदा बी कहती हैं, “यूनियन कार्बाइड कंपनी ने वर्ष 2001 में एक और बहुराष्ट्रीय कंपनी डाव केमिकल को अपने साथ मिला लिया और अब वही कारख़ाने के आस-पास 50 वर्ग किलोमीटर की ज़हर सफाई के लिए कानूनी तौर पर ज़िम्मेदार है। पिछले 2 सालों में भोपाल जिला अदालत के द्वारा डाव केमिकल के अधिकृत अधिकारी को अदालत में हाजिर होने के सम्बन्ध में 4 नोटिस जारी किए गए और उन सभी नोटिसों की कंपनी द्वारा अवहेलना की गई है । अब यह कंपनी भोपाल के कानूनी ज़िम्मेदारियों से बचने के लिए एक और अमरीकी बहुराष्ट्रीय कंपनी डुपोंट से विलयन कर रही है |”

भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष बालकृष्ण नामदेव के अनुसार “हत्यारे कारख़ाने को बसाने और चलाने में अमरीकी सरकार ने बहुत मदद जुटाई थी। अब अमरीकी सरकार भोपाल अदालत से डाव के ख़िलाफ जारी नोटिस की तामीली न कराकर डाव केमिकल और फ़रार यूनियन कार्बाइड को पनाह दे रही है। इस साल के, एक महीने के अंदर 1,27,000 लोगों ने अमरीकी राष्ट्रपति के दफ्तर को न्याय मंत्रालय द्वारा डाव केमिकल के ख़िलाफ नोटिस की तामीली के लिए लिखा और जवाब में हमें जानबूझ कर निष्क्रिय रहने का माफीनामा मिला। इसलिए इस साल हम ३२ वीं बरसी पर कंपनियों के ‘लोगो’ के साथ-साथ अमरीकी झण्डे को भी जलाएंगे।”

भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा के नवाब खान ने भारत सरकार पर भोपाल में जारी कॉर्पोरेट अपराधों में सक्रिय तौर पर शामिल होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार लगातार इस कोशिश में है कि अमरीकी कंपनियाँ पर्याप्त मुआवज़ा देने और भोपाल में ज़हर की सफाई करने से बच जाए। “अमरीकी कंपनियों से अतिरिक्त मुआवजा लेने के मसले पर सर्वोच्च न्यायालय में लंबित सुधार याचिका में मौतों और बीमारियों को केन्द्र सरकार कम करके बता रही है। साथ ही मिट्टी और भूजल में हुए ज़हरीले प्रदूषण की वैज्ञानिक जाँच कराने से केन्द्र सरकार इनकार कर रही है”, उन्होंने कहा। उनके अनुसार “पीड़ितों के प्रति लापरवाही का सबसे ज्वलंत उदाहरण केन्द्र सरकार द्वारा संचालित भोपाल मेमोरिलय अस्पताल और NIREH शोध संस्था है जहां पिछले 6 सालों में एक भी शोध परियोजना पूरी नहीं हुई है |”

भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एण्ड एक्शन की रचना ढिंगरा के अनुसार, “मध्यप्रदेश सरकार भी पीड़ितों की वर्तमान दशा और बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही के लिए उतनी ही ज़िम्मेदार है।” उन्होंने कहा, “पिछले 12 सालों में पीड़ितों और उनके बच्चों के इलाज और पुनर्वास के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित निगरानी समिति की एक भी अनुशंसा प्रदेश सरकार ने पूरी तरह लागू नहीं की है।” उन्होंने आगे कहा, “पीड़ितों के राहत और पुनर्वास को समर्पित यह विभाग स्थापना के समय से ही अधिकारियों के लिए दुधारू गाय रही है। हमने आर्थिक पुनर्वास के लिए इस विभाग द्वारा दिए गए 18 करोड़ रुपए में भ्रष्टाचार के सम्बन्ध में 3 साल पहले दस्तावेज़ी सबूत सौपें और आज तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है।”

“सम्भावना ट्रस्ट द्वारा हाल में किए गए शोध के प्रारम्भिक नतीजे बताते हैं कि अपीड़ित इन्सानों के मुकाबले भोपाल के गैस पीड़ितों की 10 गुना ज़्यादा दर से कैंसर की वजह से मौतें हो रही हैं। इनमें ख़ासकर गुर्दे, गले और फेफड़े के कैंसर शामिल है। कुल मिलाकर देखें तो हादसे के पीड़ितों की आधी आबादी मुसलमान है और 80 % हिन्दू निचली जाति के हैं।यही वजह है कि उस काली रात के 32 साल बाद हमें अपनी और अपने अजन्मे बच्चों की ज़िन्दगियों के लिए लड़ाई लड़नी पड़ रही है।” कहा दूसरी पीढ़ी के संगठन डाव-कार्बाइड के ख़िलाफ़ बच्चों की साफ़रीन ख़ान ने।

रशीदा बी
भोपाल गैस पीड़ित स्टेशनरी
कर्मचारी संघ
9425688215
बालकृष्ण नामदेव
भोपाल गैस पीड़ित
निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा, 9826345423
नवाब खाँ
भोपाल गैस पीड़ित
महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा
रचना ढींगरा, सतीनाथ षडंगी
भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन,
9826167369
साफरीन ख़ान
डाव-कार्बाइड के
खिलाफ बच्चे

 

 

Share this:

Facebooktwitterredditmail

One thought on “32 वीं बरसी – भोपाल गैस हादसे के पीड़ितों के पाँच संगठनों ने पत्रकार वार्ता को संबोधित किया”

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.