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आदिवासियों ने एंडरसन के पुतले को फांसी दी महंगा पानी सस्ता खून वाह री सरकार वाह रे कानून

प्रेस विज्ञप्ति

बैतूल, २१ जून
बैतूल जिले के दर्जनों गाँव के आदिवासी महिला पुरषों ने एंडरसन के पुतले को फांसी दी. भोपाल गैस कांड में सरकार और न्यापालिका के विफल होने के चलते आज आदिवासियों ने समाजवादी जन परिषद् के बेनर तले बैतूल शहर के लल्ली चौक में ये कार्क्रम किया. कार्यक्रम में सेकड़ों की संख्या में आदिवासी शामिल थे.
आदिवासी नारे लगा रहे थे कंपनी राज खतम करो- जनता का राज कायम करो. महंगा पानी सस्ता खून वारी सरकर वाह रे कानून. एंडरसन को फँसी दो. भोपाल गैस पीडितो को न्याय दो. आदिवासियों के ये विरोध इस बात को दर्शाता है की भोपाल गैस कांड के इस फैसले ने आदिवासियों तक के मन से न्याय व्यवस्था और सरकार से विश्वास उठा दिया है. आदिवासी नेता मंगल सिंह ने कहा की जैसे अंग्रेज अपने अफसर को बचाते थे और आदिवासियों को फांसी देते थे, या गोली से मार देते थे वैसे ही भोपाल गैस कांड के मामले में एक बार फिर हो गया है. हजारों लोगो को मौत की नीद सुलाने वाला और लाखो लोगो को जिन्दगी भर के दर्द देने वाला एंडरसन आज खुला घूम रहा है और भारत में रहने वाले उसके करमचारियों को भी सरकार और हमारी नयायपालिका कुछ नहीं कर पाई. कार्यक्रम में मौजूद काबरा गाँव के आदिवासी हन्नू ने बताया की जंगल जमीन जोतने के कारन उसे चार महीने झूठे केस में जेल में रहना पड़ा. इसी तरह हरदा जिले के देगा गाँव के सूबेदार को भी तीन महीने जेल में गुजरना पड़े. आदिवासियों का सवाल था की पेट की खातिर जमीन जोतने वाले को जेल और हजारों लाखो को मरने वालों को एक दिन भी जेल नहीं जाना पड़ा. ये कैसा कानून है.
आदिवासियों ने आज के विकास के तरीके पर भी सवाल उठाये उनका कहना था की जिस तरह के विकास को हमारी सरकार बड़ा रही उसमे उनका समाज तो आज नहीं कल पूरा खत्तम होने वाला है. लेकिन इस अविवेकी विकास की मार से कोई नहीं बच पायेगा.
अदिबसियों ने बैतूल शहर में रैली निकली और पर्चे बाते .

अनुराग/ शमीम
०९४२५०४१६२४/०९४२५०४५६२४

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Two for joy

BHOPAL.NET, NOVEMBER 21, 2006
I just found these on YouTube. Be ravished.

चौदवीं का चांद हो, या आफ़ताब हो,
जो भी हो तुम खुदा कि क़सम, लाजवाब हो
ज़ुल्फ़ें हैं जैसे काँधे पे बादल झुके हुए,
आँखें हैं जैसे मय के पयाले भरे हुए
Chaudhvin ka Chand, from the 1960 film of the same name starring Guru Dutt and Waheeda Rehman: probably the most-loved Hindi film song of all time.

Mukesh singing for Raj Kapoor in Naresh Saigal’s 1959 classic Main Nashe Mein Hoon. Music by the immortal Shankar-Jaikishan.

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