भोपाल में यूनियन कार्बाइड हादसे के पीड़ितों के संगठनों के नेताओं ने आज एक पत्रकार वार्ता में यह घोषणा की कि वह कल गैस राहत मंत्री से मिलने के लिए नीलम पार्क में इंतजार करेंगे | उन्होंने आशा व्यक्त की कि मंत्री महोदय 1000 हज़ार से ज्यादा पीड़ितों को कल 11 से 5 बजे के बीच, हर गैस पीड़ित को मुआवजे में 5 लाख रूपए देने के बारे में, अपना बयान देंगे | संगठनों ने इस कार्यक्रम का नाम इंतजार-ए-इन्साफ रखा है |
भोपाल में यूनियन कार्बाइड हादसे की 34 वीं बरसी पर आयोजित एक वार्ता में पीड़ितों के चार संगठनों के नेताओ ने श्री मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से भारत सरकार द्वारा आपराधिक कंपनियों का बचाव और पीड़ितों के प्रति लापरवाही और ज्यादा शिद्द्त से हो रही है |
संगठनों ने कहा कि यूनियन कार्बाइड के मालिक डाव केमिकल के साथ श्री मोदी के विशेष सम्बन्ध सन 2008 से उजागर है जब उनके मुख्यमंत्री रहते डाव कंपनी ने गुजरात केमिकल्स एन्ड एल्कालिस के साथ जॉइंट वेंचर बनाने की कोशिश की थी | प्रधानमंत्री की हैसियत से श्री मोदी ने अपने 2015 की अमरीकी यात्रा के दौरान डाव केमिकल के सी.ई.ओ को विशेष भोज पर बुलाया था और उनके साथ फोटो भी खिचवाई थी |
भोपाल गैस काण्ड के पीड़ितों के चार संगठनों के नेताओ ने आज एक पत्रकार वार्ता में गैस राहत मंत्री विशवास सारंग पर आर्थिक और समाजिक पुनर्वास के पैसों के दुरूपयोग का आरोप लगाया | भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग से सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त दस्तावेजों के द्वारा उन्होने दिखाया पीड़ितों और उनके बच्चों को रोजगार दिलाने के लिए आवंटित धनराशि का 60% सड़क, नाले और पार्को के निर्माण के लिए खर्च किया जा रहा है | यह दस्तावजे यह भी दिखाते है कि यूनियन कार्बाइड कारखाने के पास बसे लोगों को मकान देने के लिए आवंटित राशि का 1/3 भी इन्हीं कार्यो के लिए खर्च किया जा रहा है |
भोपाल में यूनियन कार्बाइड हादसे के पीड़ितों के चार संगठनों ने आज एक पत्रकार वार्ता में यह दावा किया कि हादसे के लिए मुआवजे का मुद्दा आगामी चुनाव में भोपाल की 7 में से 5 विधानसभा क्षेत्रों में केंद्रीय महत्व का होगा | पत्रकार वार्ता में शामिल भा.जा.पा. एवं कांग्रेस के पांच स्थानीय प्रभारियों ने वोट के समय मुआवजे के मुद्दे पर सभी गैस पीड़ितों को एक आवाज से बोलने की संगठनों की मांग को समर्थन दिया है |
दिसम्बर 84 के हादसे के पीड़ितों के बीच काम कर रहे गैस पीड़ितों संगठनों के संयुक्त मोर्चा ने आज एक पत्रकार वार्ता मे गैस राहत विभाग बंद होने की आशंका पर कडा विरोध जताया और इस मामले में सरकार को अपना पक्ष साफ करने को कहा |
गैस राहत विभाग को बंद करना की अनुशंसा मध्य प्रदेश सरकार के अधीन अटल बिहारी वाजपेई इंस्टीट्यूट ऑफ गुड गवर्नेंस एंड पालिसी एनालिसिस द्वारा की गई है “इस रिपोर्ट में यह कहा गया है कि क्योंकि गैस राहत विभाग का वार्षिक बजट 100 करोड़ से कम है और विभाग मे पर्याप्त कार्य नही होने की वजह से इस को परिवार कलायाण एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ विलयन कर दिया जाए | गैस पीड़ितों के मुआवजे का मामला, जहरीले कचरे की सफाई, रोजगार, पेंशन और बाकी सभी कानूनी मुद्दों के लिए गैस पीड़ितों को न जाने कितने विभागों के चक्कर लगाने पड़ेंगे | विभाग को बंद करने की अनुशंसा पूरी तरह से अमानवीय है” कहती है भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की अध्यक्षा रशीदा बी