Addressing a Press Conference held on the occasion of the 37th Anniversary of the Union Carbide disaster in Bhopal, leaders of survivors’ organizations condemned the state and central governments for denying justice and a life of dignity to the survivors. The organizations also shared information on their just concluded 37 day campaign: “37 Years – 37 Questions” directed at the state and central governments.
यूनियन कार्बाइड के जहरों से पीड़ित माता पिताओ के जन्मजात विकृति के साथ पैदा हो रहे बच्चों ने आज प्रधानमन्त्री और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री से आग्रह किया की यूनियन कार्बाइड/डाव केमिकल से उनके स्वास्थ्य को पहुंची क्षति के कानूनी अधिकार दिलाए | बच्चों ने “हम होंगें कामयाब” के गीत इस आशा से गाए कि उनकी सालों पुरानी मांगों को सुना जाए ताकि उन्हें इज्जत की जिंदगी मिल सके | गैस पीड़ितों को जन्मे बच्चों में स्वास्थ्य को पहुंची क्षति के वैज्ञानिक सबूत, न्यायिक स्वीकृति और कानूनी सिद्धांतों के समर्थन होने के बावजूद भी केंद्र और राज्य सरकार, इस बात को नजरअंदाज क्यों कर रही है, पूछती है भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की रशीदा बी |
Today children of gas exposed parents being born with physical and mental development disorders and birth defects sang songs urging the Prime Minister & Chief Minister of Madhya Pradesh to ensure their legal rights for compensation from Union Carbide/Dow Chemical. Despite having scientific evidence, judicial acknowledgement and the backing of legal principle that children born to gas affected parents have suffered health damages as a result of exposure to their parent, the govt at state and centre continue to look the other way, said Rashida Bee, President Bhopal Gas Peedit Mahila Stationary Karmchari Sangh.
गैस काण्ड के हर पीड़ित को यूनियन कार्बाइड और डाव केमिकल कम्पनी से कम से कम 8 लाख रुपया मुआवज़ा दिलाया जाए |
गैस पीड़ितों के हर बच्चे के स्वास्थ्य को पहुँचे नुकसान के लिए यूनियन कार्बाइड और डाव केमिकल कम्पनी से कम से कम 2 लाख रुपया मुआवज़ा दिलाए |
ज़हरीले भूजल से पीड़ित हर रहवासी के स्वास्थ्य को पहुँचे नुकसान के लिए यूनियन कार्बाइड और डाव केमिकल कम्पनी से कम से कम 2 लाख रुपया मुआवज़ा दिलाए |
डाव केमिकल का इस देश में कारोबार तब तक के लिए बन्द करें जब तक कि कम्पनी भोपाल जिला अदालत से जारी सम्मन का पालन करते हुए आपराधिक प्रकरण में पेश नहीं होती | गैस काण्ड पर जारी आपराधिक मामले में सी बी आई जल्द से जल्द यूनियन कार्बाइड कम्पनी के नुमाइन्दे जॉन मैक्डोनाल्ड को पेश करे |
2. इलाज और शोध
गैस पीड़ितों के लिए बने अस्पतालों में इलाज का सही तरीका अपनाया जाए ताकि दवाओं से आराम मिले न कि शरीर को नुकसान पहुँचे |
ज़हरीले भूजल से पीड़ित रहवासियों को गैस पीड़ितों के लिए बने अस्पतालों में मुफ्त इलाज दिया जाए |
गैस पीड़ित आबादी में जन्म, मृत्यु और जन्मजात विकृतियों के पंजीकरण के लिए विशेष व्यवस्था की जाए |
निरेह द्वारा गैस और ज़हरीले भूजल से पीड़ित इन्सानों के स्वास्थ्य पर जो शोध कार्य बन्द कर दिए गए हैं उन्हें चालू किया जाए |
3. रोज़गार और पेन्शन
गैस पीड़ितों और उनके बच्चों को रोज़गार दिलाने के लिए आवंटित करोड़ों रुपयों का इस्तेमाल कर जल्द से जल्द रोज़गार दिलाया जाए |
गैस पीड़ित विधवा पेन्शन से अकारण वंचित महिलाओं को तत्काल 1000 रुपए प्रति महिना पेन्शन दिलाई जाए |
4. ज़हर सफाई
प्रदेश सरकार से लीज़ की शर्तों के मुताबिक़ डाव केमिकल कम्पनी को भोपाल के मिट्टी पानी की ज़हर सफाई करने के लिए मजबूर किया जाए |
प्रदेश सरकार स्मारक बनाने का काम तब तक रोक कर रखे जब तक कि ज़हर सफाई का काम पूरा नहीं हो जाता |
कार्बाइड कारखाने के पीछे ज़हरीले तालाब में सिंघाड़े उगाने और मछली पालने के खतरनाक काम पर स्थाई रोक लगाई जाए |
Organisations working among the survivors of the 84 Union Carbide disaster congratulated the agitating farmers on the Prime Minister’s announcement today to repeal the black agricultural laws. Rashida Bee of Bhopal Gas Peedit Mahila Stationary Karmchari Sangh said, “Modi government was imposing these black laws to benefit companies. This government talks about bringing Ram Raj but under its guise it wants to bring company Raj (rule) in the country. The farmers movement has given a big blow to the dream of Company Raj.