2 अगस्त 2014. भोपाल गैस पीड़ितों के अधिकारों के लिए काम करनेवाले पाँच संगठनों ने आज एक पत्रकार वार्ता में गैस काण्ड तथा भूजल एवं मिट्टी के ज़हरीले प्रदूषण सम्बंधित अदालती मामलों में केन्द्र तथा प्रदेश की सरकारों से अविलम्ब कार्रवाई की मांग की|
भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष बालकृष्ण नामदेव ने कहा कि हाल में 30 जुलाई को अमरीकी संघीय अदालत के न्यायाधीश कीनन ने यूनियन कार्बाइड के भोपाल स्थित कारखाने और उसके आसपास मिट्टी और भूजल के प्रदूषण के मामले को खारिज कर दिया है | उन्होंने बताया कि अर्थराइट्स इंटरनेशनल, शर्मा डीयंग और कर्टिस वी ट्रिंको के वकीलों के ज़रिए भोपाल के 17 मुद्दई इस अन्यायपूर्ण फैसले को अपीलीय अदालत में चुनौती देंगे |
“प्रदेश सरकार को इस साल मार्च के शुरुआत में प्रकरण में भाग लेने के लिए अमरीकी अदालत से नोटिस मिली परन्तु मुख्यमन्त्री द्वारा 2010 में विधान सभा में इस सम्बन्ध में घोषणा के बावजूद प्रदेश सरकार ने यूनियन कार्बाइड कारखाने और उसके आसपास के इलाके को प्रदूषण मुक्त करने के मुद्दे को अमरीकी अदालत में नहीं उठाया |” कहती हैं समर्थक संगठन भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना धींगरा | उन्होंने कहा की प्रकरण में अपील के दौरान भी मध्य प्रदेश सरकार इसमें जुड़ सकती है और यूनियन कार्बाइड से मिट्टी और भूजल के प्रदूषण के एवज में मुआवज़ा ले सकती है |
संगठनों ने 5 अगस्त को सर्वोच्च न्यायालय में मुआवजे की सुधार याचिका की सुनवाई के मामले में प्रधानमंत्री का अविलम्ब हस्तक्षेप की भी माँग की । उन्होंने फैक्स भेजकर प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि वे सम्बंधित अधिकारियों को आदेश दे कि वे सर्वोच्च न्यायालय में अतिरिक्त मुआवजे के लिए दायर सुधार याचिका में सुधार के लिए आवेदन पेश करे |
गैस पीड़ित महिलाओं की ट्रेड यूनियन भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की अध्यक्ष रशीदा बी ने कहा की याचिका में सुधार बहुत जरूरी है ताकि सर्वोच्च न्यायालय के सामने गैस काण्ड की वजह से हुई मौतों और बीमारियों के सही आंकड़े प्रस्तुत हो सके और यूनियन कार्बाइड तथा डाव केमिकल से सही मुआवजा लिया जा सके ।”यदि न्यायाधीशों को यूनियन कार्बाइड द्वारा किए गए नुकसान की सही जानकारी न हो तो वे कम्पनी से सही मुआवज़ा कैसे दिलवा सकते हैं ? वह कहती हैं |
भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष नवाब खान ने कहा कि प्रदेश तथा केंद्र की सरकारों ने गैस काण्ड की वज़ह से हुई मौतों की संख्या और बीमारियों की गम्भीरता को कम करके बताई है ।
“अगस्त 5, 2014 को सर्वोच्च न्यायालय की सुनवाई में मौतों और बीमारियों के आंकड़े सुधारने के लिए आवेदन पेश करने का निर्देश देकर प्रधानमंत्री बहुत बड़े अन्याय को रोक सकते है ।” उन्होंने कहा |
“अमरीकी संघीय अदालत और भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के ये दो अत्यंत ज़रूरी मामले बगैर पूर्वसूचना के सामने आए हैं इसलिए हमने प्रधानमन्त्री और मुख्यमन्त्री दोनों के हस्तक्षेप की माँग करते हुए फैक्स भेजा है | हम उम्मीद करते हैं की गैस काण्ड के तीसवीं बरसी के साल में वे हमारी बात मानेंगे | ” कहती हैं साफरीन खान जो पीड़ितों के दूसरे पीढ़ी की संगठन, डाव-कार्बाइड के खिलाफ बच्चे की संस्थापिका है ।
रशीदा बी भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ 9425688215 |
बालकृष्ण नामदेव भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा 9826345423 |
नवाब खाँ भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा 8718035409 |
सतीनाथ षड़ंगी, रचना ढिंगरा भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन 9826167369 |
साफरीन ख़ान डाव-कार्बाइड के ख़िलाफ बच्चे
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